पालिका से हुआ दीनदयाल नगर लिखने का आगाज

चन्दौली- केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार क्या बनी भाजपाइयों के मनोरथ पूरे होने लगे। एक और जहाँ अन्य दलों के साथ साथ कायस्थ समाज के लोग मुगलसराय स्टेशन व नगर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नाम पर रखने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन किये जा रहे हैं वहीं भाजपा व संघ के एजेंडे में भी मुगलसराय का नाम एकात्मवाद के प्रणेता जनसंघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिनका शव 70 के दशक में मुगलसराय रेलवे यार्ड में मिला,उनके नाम पर किया जाना शामिल था। लेकिन कभी यह संयोग ही नहीं बना कि केंद्र व प्रदेश में बीजेपी की सरकार एकसाथ बनी हो। ऐसे में बीजेपी का यह एजेंडा हमेशा ठन्डे बस्ते में ही पड़ा रहा। केंद्र और प्रदेश की सरकार बदली बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनायी तो उन्हें अपने एजेंडे की याद आई या यह कहें कि बीजेपी सरकार अपने कार्यकर्ताओं को प्रसन्न करने के लिए अपने पुराने एजेंडे को पूरा करने में लगी हुई है तो गलत नहीं होगा। इसी के तहत मुगलसराय नगर का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रखने के लिए जाते जाते पालिका के पुराने बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर शासन को भेज दिया था। जिसे सरकार ने पास कर लिया। प्रस्ताव पास होने के बाद नाम बदले जाने का आदेश मिलते ही जहाँ भाजपाइयों में ख़ुशी थी तो विरोधियों में गुस्सा व्याप्त था। ऐसे में पालिका प्रशासन ने बीती रात अँधेरे में स्थानीय नगर पालिका परिषद का नाम बदलने के लिए बोर्ड बदल कर पं दीनदयाल उपाध्याय नगर का बोर्ड लगा दिया। गुरुवार प्रातः जैसे ही लोगों ने देखा तो भाजपाई तो खुश दिखे लेकिन अन्य दलों के साथ साथ कायस्थ समाज के लोगों ने इसे गलत ठहराते हुए कहा है कि यह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के सम्मान को ठेस पहुंचाए जाने जैसा है। जिसका हमेशा विरोध किया जायेगा। इस क्षेत्र के लिए न तो पंडित दिन दयाल उपाध्याय कोई कार्य किया है और ना ही उनका जन्म ही हूआ था। ऐसे में उनके नाम पर नगर और स्टेशन का नाम रखना और लाल बहादुर शास्त्री रखे जाने की मांग को ठुकराया जाना क्षेत्रीय जनता का अपमान है।

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